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धारा:- 234 मिथ्या प्रमाणपत्र जारी करना या हस्ताक्षरित करना

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 234

(मिथ्या प्रमाणपत्र जारी करना या हस्ताक्षरित करना)

जो कोई ऐसा प्रमाणपत्र जिसका दिया जाना या हस्ताक्षरित किया जाना विधि द्वारा अपेक्षित हो. या जो किसी ऐसे तथ्य से सम्बन्धित हो, जिसका वैसा प्रमाण-पत्र विधि द्वारा साक्ष्य में ग्राह्य हो, यह जानते हुए या विश्वास करते हए कि वह किसी तात्विक बात के बारे में मिथ्या है. वैसा प्रमाणपत्र जारी करेगा या हस्ताक्षरित करेगा, वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा, मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो।


अपराध का वर्गीकरण

सजा:- वही जो मिथ्या साक्ष्य देने के लिए है

अपराध:- असंज्ञेय

जमानत:- जमानतीय

विचारणीय:- उस न्यायालय द्वारा विचारणीय, जिसके द्वारा मिथ्या साक्ष्य देने का अपराध विचारणीय है

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता हैं।




अघ्याय 2 की सारी धाराएं विचारण के पहले की (इनके प्रारूप ऊपर हेड में दिए गए है)


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